राम तुम आओ फिर एक बार
राम तुम आओ फिर एक बार
राम तुम आओ फिर एक बार,
सजाओ राम-राज दरबार।
मर्यादा का पाठ पढ़ाने,
जीवन-संयम हमें सिखाने।
आओ फिर एक बार,
राम तुम आओ फिर एक बार।।
बेर लिए घर-घर में शबरी,
राह तुम्हारी देख रही है।
बेर हाथ से उसके लेने,
आओ फिर एक बार,
राम तुम आओ फिर एक बार।।
कलयुग के रावण से सहमी,
सीता तुम्हें पुकार रही है।
लाज बचाने सीता की तुम,
आओ फिर एक बार,
राम तुम आओ फिर एक बार।।
दीन-हीन ये कृषक हमारे,
केवट-सम ये तुम्हें पुकारें।
चरण-धूलि उनको दे देने,
आओ फिर एक बार,
राम तुम आओ फिर एक बार।।
कहीं बीमारी कहीं त्रासदी,
राक्षस बन ये त्रस्त कर रहे।
मानवता की रक्षा करने,
आओ फिर एक बार,
राम तुम आओ फिर एक बार।।