राखी कोई कोरा धागा नही है
राखी कोई कोरा धागा नही है
ये राखी कोई कोरा धागा नहीं है
ये राखी कोई कोरा नारा नहीं है
यह बस हमारे मन का बंधन है,
राखी कोई बुझा सितारा नहीं है
राखी चाहे चांदी,सोने की हो,
राखी चाहे कोरे धागे की हो,
निःस्वार्थ से प्यारा कोई नहीं है
ये राखी कोई कोरा धागा नहीं है
बिना स्नेह-प्रेम,त्याग-बलिदान,
किसी राखी का गुजारा नहीं है
मन मे यदि सत्य न समाया हो,
किसी राखी का मतलब नहीं है
मन की राखी ही सबसे प्यारी है,
बाकी सारी दुनिया किलकारी है,
मन मे यदि कोई भाव-वाव नहीं है,
फिर दुःख का कोई किनारा नहीं है
मन की गहराई से बांधे कोई राखी,
उससे बढ़कर कोई चाँद-तारा नहीं है
ये राखी कोई कोरा धागा नहीं है
मन से बांधो इस राखी को दोस्तो,
इससे प्यारा बंधन कोई नहीं है!
