राहों में
राहों में
खुद से राहों में
ठोकर कौन लगाता है
जो गिर जाए तो
आकर कौन उठाता है
मेरी खुशनसीबी की
तू नहीं है पास मेरे
वरना कांटों से
इश्क कौन लड़ाता है
तेरी वफादारी
मेरी जीवन की एक सीख है
वरना मंज़िल को
राहों से दूर कौन भगाता है
खुद से राहों में
ठोकर कौन लगाता है
जो गिर जाए तो
आकर कौन उठाता है
मेरी खुशनसीबी की
तू नहीं है पास मेरे
वरना कांटों से
इश्क कौन लड़ाता है
तेरी वफादारी
मेरी जीवन की एक सीख है
वरना मंज़िल को
राहों से दूर कौन भगाता है