प्यार
प्यार
आज सखी जो
मैं प्रितम पाऊँ
तो अपने बड़
भाग्य मनाऊँ
सांवरी सूरत,
नयन विशाला
चंद्र वदन,
गले मोतियन माला
रूप मनोहर,
चाल मराला
सूंदरता पर
बलबल जाऊँ ...
आज सखी जो
मैं प्रितम पाऊँ ...
जो प्यारो मेरी
गलियन आवे,
मोही बिहरीन को
दरस दिखावे
बैठ निकट
मृदु वचन सूनावे
तो हँसी उनको
कंठ लगाऊँ...
आज सखी जो
मैं प्रितम पाऊँ ...
नारायण जीवन
गिरिधारी
कब लोगे सुधि
आप हमारी
जब मोंसो वैहै
कहत तू मेरी
तब मैं फूली
अंग न समाऊँ...
आज सखी जो
मैं प्रितम पाऊँ
तो अपने बड़
भाग्य मनाऊँ
आज सखी जो मैं,
आज सखी जो मैं,
प्रितम पाऊँ ...