होप
होप
२८ जून का था वो दिन,
जब हुआ था होप का जन्मदिन,
एक आशा की किरण
बनकर आएं वो,
एडमिन जी से खास वो,
प्यारी प्यारी बातें करते,
हर किसी का हिम्मत और
हौसला बढ़ाते,
था वो मेरा पहला दिन,
दिल में मच रही थी
खलबली उस दिन,
धीरे-धीरे लिखना शुरू किया,
रिव्यू पढ़ कर हिम्मत आई,
सभी भाषाओं को मान दे,
इसके लिए हम उन्हें
सम्मान दे,
रहा ये ६ महीने का सफ़र सुहाना,
हो गया दिल उनका दीवाना।