प्यार को समझो यार
प्यार को समझो यार
जब मैं नहीं होता तब वो रोती,
अँखियों में भर लाती आंसू के मोती।
सबको खाना खिलाकर तब वो सोती,
माँ ही ऐसी हमारी होती।
माँ का यही है प्यार,
नहीं चुका सकते उधार,
भव सागर के जाना है पार,
माँ की ममता को समझो यार।
जब मैं नहीं होता तब वो रोती,
अँखियों में भर लाती आंसू के मोती।
सबको खाना खिलाकर तब वो सोती,
माँ ही ऐसी हमारी होती।
माँ का यही है प्यार,
नहीं चुका सकते उधार,
भव सागर के जाना है पार,
माँ की ममता को समझो यार।