पुष्प की शिक्षा
पुष्प की शिक्षा
कुछ देख मुझको उदास,
कुछ पुष्पो ने किया सवाल,
क्यो हो उदास,
देखो जरा हम सबको तुम,
रंग बिरंगे पुष्प हैं हम,
हर पल हम मुस्काते हैं,
अलग अलग रूप रंग हैं,
फिर भी संग संग हम गाते हैं,
देखो हमारी मुस्कुराहट,
हर मुख पर मुस्कान लाती है,
देखो,जड़ हमारी वसुधा में है,
तभी हम मुस्काते हैं,
तितली,भौरे,पक्षी सभी
गुंजन यहाँ पर करते हैं,
देखो,कंटक भी हैं संग हमारे,
पर न हम घबराते है,
कंटको में हिल मिल सब
सदा हम मुस्काते हैं,
हे मानव!जड़ तुम्हारी भी वसुधा हैं,
जड़ से दूर जा भला कोई पनपता हैं,
लौट आओ फिर से तुम,
प्रकृति के सानिध्य में,
देखो ,जीवन तुम्हारा भी होगा
फिर केवल मुस्कान में,
दिल से उठती मुस्कान में।।