पुरातनछात्र सम्मेलन गीत
पुरातनछात्र सम्मेलन गीत
पुरातन छात्र सम्मेलन गीत
ऐ विद्यालय! तुम्हें नमन ऐ गुरुजन ! तुम्हें नमन,
यहीं से सीखा लिखना पढ़ना, यह अपना उद्यान है,
इसकी सीखों संदेशों से, मिला अमित सम्मान है,
जितनी करूं प्रशंसा इसकी, लगती मुझको कम,
ऐ विद्यालय ! तुम्हें नमन,
शुरू शुरू मे डर लगता था, फिर यह जी को अति भाया,
दंड प्रेम से गुरु जनों ने जीवन के हर सबक सिखाया,
गढ़कर जिसने खड़ा किया, यह जीवन अनुपम
ऐ विद्यालय ! तुम्हें नमन,
आज जहां पर हम बैठे हैं, श्रेय इसी को जाता है,
इसके अनंत उपकारों को मन, कभी भूल न पाता है,
इसके ऋण से उऋण नहीं, कहता है यह मन,
ऐ विद्यालय ! तुम्हें नमन,