ईश वंदना
ईश वंदना
वह शक्ति हमें दो हे प्रभु जी, कर्तव्य मार्ग से हटें नहीं,
सबकी सेवा में तत्पर हों, स्वार्थ के सन्मुख झुके नहीं,
रिश्वत छल भ्रष्टाचार न हो
अन्याय न हो पक्षपात न हो,
हम जीएँ राष्ट्र के हित के लिए,
इससे हटकर कोई बात न हो!!2
हर भाषा पंथ का आदर हो,
संस्कृति बंधुत्व का पोषण हो,
जिससे अखंडता बनी रहे,
उन तथ्यों का अन्वेषण हो!!3
इस लोकतंत्र की गरिमा का,
भारत भूमि की महिमा का,
हम काम करें जो कुछ उससे,
द्वय का वर्धन नित नूतन हो!!4
वह शक्ति हमें दो हे प्रभु जी..
