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Dr. Vijay Laxmi

Inspirational

5.0  

Dr. Vijay Laxmi

Inspirational

पुनर्मिलन

पुनर्मिलन

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पुनर्मिलन का सुख अद्भुत,मिलन का ये पल,

दोस्तों के साथ ,परिवार का मेल सुखद हल।


विदेशों की धूप हो , या अपने गाँव की छाया,

पुनर्मिलन की खुशी से ,हर दिन नयी काया।


बचपन के खिलौने, या जवानी के दिन रंगीन,

पुनर्मिलन बिन कोई कैसे रहे जुदाई संगीन।


दोस्तों के संग हंसी-मजाक,परिवार की गोद,

पुनर्मिलन का अहसास भरता एक मधु मोद।


जब होता पुनर्मिलन,तब मन में हो धूमधाम,

खुशी का पर्व ,अनमोल पलों का अविराम।


इसीलिए पुनर्मिलन इंतजार रहता लगातार,

क्योंकि यह अनुपमेय सुखद प्यारा त्योहार।

           



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