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Tanuja Shukla

Abstract

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Tanuja Shukla

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पर्यावरण

पर्यावरण

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क्षिति, जल ,पावक,गगन,वायु,

 आते मानव के काम सभी।

 

 कर बंद प्रकृति का दोहन अब,

 मिलकर संरक्षण करें अभी।।

 

 जब वृक्ष लगाए हर कोई,

 तो प्राण वायु भी शुद्ध रहे।

 

 अन्यथा भुगतना ही होगा ,

 गर प्रकृति सभी पर क्रुद्ध रहे।।

 

 देती है प्रकृति सदा हमको,

 दायित्व हमारा भी तो है।

 

 कहलाते हैं हम प्रगतिशील,

 जीवन खतरे में ही तो है।।


 आओ मिल सब संकल्प करें, 

 उज्ज्वल भविष्य निर्माण करें ।

 

 करके निस्तारण कचरे का,

 प्राकृतिक चक्र उत्थान करें।।


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