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Tanuja Shukla

Others

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Tanuja Shukla

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स्वागत गीत

स्वागत गीत

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बहुरंगी चतुर्दिक पल्लव का 

यह वंदन वार बंधा है क्यों 

स्वर्णिम दिगंत स्तंभों पर,

यह नील वितान तना है क्यों? 

क्यों गगन छिड़कता ओस बूँद 

धरती की धूल दबाने ......को

लो चटक चटक बन रही फूल 

कलियाँ क्यों हार ....बनाने को 

कुमकुम के थाल सजा ...ऊषा 

किसका स्वागत करने... आयी 

तरूवर पर बैठे चहक चहक 

क्यों विहग बजाते शहनाई 

कर रहा रिहर्सल आज पवन 

किसको विजय सुनाने ...को

उठ रहे प्रश्न थे यों.....अनेक

निमृत मन के एक .....कोने में

पड़ गयी अचानक तभी भनक

 संप्रति कानों के दोनों.....में

   


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