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Priyanka Jhawar

Inspirational

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Priyanka Jhawar

Inspirational

प्रतियोगिता ही मेरा विषय

प्रतियोगिता ही मेरा विषय

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दिल से पूछा मैंने कि, इस प्रतियोगिता के लिए किस विषय पर लिखूं।

दिल ने कहा कि कुछ और नहीं, प्रतियोगिता को ही अपना विषय चुनूं।।


पहले प्रतियोगिता में भाग लेने में ही, लगता था मुझे डर।

वो प्रतियोगिता चाहे कहीं भी हो, दूसरों से अपनों से, हो बाहर या घर।।


दूसरों को प्रतियोगिता में भाग लेते, मेरा दिल भी बहुत करता था।

पर क्या मैं यह कर पाऊंगा, यह सोचकर ही डरता था।।


एक दिन ऐसे ही बैठे-बैठे, मैंने अपने दिल से करी बातचीत।

दिल मेरा मुस्कुराकर बोला डरा मत कर, क्या पता डर के आगे ही हो तेरी जीत।।


उस दिन दिल की बात सुनकर, मैंने हिम्मत जुटाई।

और ठान लिया हमेशा लूंगा प्रतियोगिता में भाग, चाहे कुछ भी हो कठिनाई।।


ठान लिया था मैंने कि, अब हमेशा लूंगा प्रतियोगिता में भाग।

हार जीत मकसद नहीं, वही मेरा गीत वही मेरी राग।।


प्रतियोगिता में भाग लेने में, अब मजा़ आने लगा है।

मैं खुश हूं कि, मेरा डर अब मेरा शौक बनने लगा है।।


प्रतियोगिता का नाम सुनते ही आ जाता है मुझे जोश।

जब तक उस में भाग न लूं, कहीं और लगता नहीं मेरा होश।।


प्रतियोगिता में मिली कभी हार तो कभी जीत, कभी मिला सीखने को तो कभी मिले सुझाव।

प्रतियोगिता में भाग ले ले कर, आया मुझ में गहरा बदलाव।।


पहले प्रतियोगिता करता था, दूसरों से अब होती है खुद के भीतर।

पहले रहना चाहता था दूसरों से आगे, अब बनना चाहता हूं खुद से बेहतर।।


दुनिया के लिए, जो प्रतियोगिता में सबसे अच्छा करके बताएं, वह विजय होता है।

पर सही मायने में जो हर बार पहले से बेहतर करके बताएं, वही असली विजेता होता है।।


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