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PRATAP CHAUHAN

Abstract Inspirational

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PRATAP CHAUHAN

Abstract Inspirational

पृथ्वी को सजा दो

पृथ्वी को सजा दो

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 नित नए नए वृक्षों को लगाकर,

फिर से पृथ्वी को सजा दो।

मत काटो अब वृक्षों को,

को अपना परिवार बना दो।


वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण,

हो सके तो इसे मिटा दो।

मानव के जो हित में ना हो,

ऐसी बाधा को भगा दो।


नदियों में मत कचरा फेंको,

इसमें निर्मल जल बहता है।

सागर से मिलती है नदियां,

वह महा प्रदूषण सहता है।


आओ सब एक वचन लेलें,

प्रकृति को मित्र बनाएंगे।

 हरी-भरी पृथ्वी अपनी,

ऐसा एक चित्र बनाएंगे।


ब्रह्मांड का उच्च ताप कम कर,

वातावरण सुगम बनाएं हम।

फिर से बरसा, बरसा वन हो,

 ऐसा पावन संसार बनाएं हम।


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