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ashok kumar bhatnagar

Abstract

4.5  

ashok kumar bhatnagar

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प्रकृति की ब्यूटी

प्रकृति की ब्यूटी

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प्रकृति की ब्यूटी निराली है,

जो हमें जीवन का संचार देती है।

इसके बिना जीवन अधूरा है,

इसे संरक्षित रखना हमारा कर्तव्य है।


प्रकृति की अनंत शोभा देखो,

बेहतरीन रचनाओं का खजाना है यह।

हर कोण में छुपी है एक खूबसूरती,

जिसे देख दिल खुशी से मचल उठता है।


पृथ्वी की उत्कृष्टता देखो,

पर्वतों की ऊँचाइयों में छुपी हुई।

नदियों की गहराइयों में खेलते हुए डोलते,

मधुर सुरों से सुनहरी आवाज में बोलते।


आकाश की सुंदरता देखो,

तारों की चमक में छुपी हुई।

चाँद की रौनक में खिलखिलाते,

आसमान के उच्च स्थानों में उड़ते।


फूलों की सुगंध देखो,

जो मधुरता से भरे हैं।

जंगल की घनता में घुमते हुए,

प्रकृति की मधुर समता से भरे हैं।


प्रकृति की यह अनंत ब्यूटी,

जो सदैव आश्चर्यजनक है।

अपनी अद्भुत शक्ति से सबको लुभाती,

जो अमिट चमक और सुंदरता से भरी है।


इस ब्यूटी का संगम,

हमारे जीवन का सच्चा आनंद है।

जो हमेशा हमारे साथ होता है,

और हमेशा हमारे जीवन में समाहित है।


देखो नेचुर की ब्यूटी को,

कितनी अद्भुत है ये संसार।

उसकी सुंदरता को क्या कहें,

जिसे देखने से होता है प्यार।


फूल जैसी खुशबू देती है बहार,

जिसे सुनकर दिल खुश हो जाता है।

पेड़ों की शाखाएँ फैली हुई हैं,

जिनमें पक्षियों की आवाज सुनाई देती है।


हरियाली से भरी पृथ्वी,

जिसकी खूबसूरती को न जानें कितने लोग।

समुंदर के तल समा हुआ है जीवन,

जो इसका अनुभव करते हैं वो जानते हैं इसके ख़ूबसूरत संगम।


चमकते सितारे, अनोखे नजारे,

सबकुछ जो सुंदरता का प्रतीक है।

इसके सबसे करीब जाने के लिए,

कभी भी मत छोड़ो नेचुर से तुम्हारा प्यार।


पृथ्वी का हर नजारा,

बढ़ता है इसका निराला नजारा।

वन-वन की ये खूबसूरती,

कोई नहीं कर सकता है नकारा।


बदलता रंग हर पेड़ का,

फूलों की खुशबू से महकता है जहां।

चिड़ियों की चहचहाहट से सजता,

प्रकृति का ये नजारा नवीन जहां।


पानी की बौछार से झिलमिलाते,

देख लो कैसे नजर आते हैं तारे।

जलवायु के अनुरूप सजता है प्रकृति,

यहां हर नजारा है एक नया अपनारा।


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