परिपेक्ष्य और न्याय: एक ध्वनि के रचना
परिपेक्ष्य और न्याय: एक ध्वनि के रचना
जुर्म क्या हैं ?
पता नहीं
पर जिंदगी की सजा
बहुत कष्ट पूर्ण हैं
जुर्म नहीं,
सच्चाई के सफर में,
प्रश्नों का सफर,
उत्तरों के पर्वत,
जीवन का प्रहर,
सीखने का मंत्र,
हर कदम पर एक
नया सफर, जीने का बहाना।
जीवन के पार्श्वभूमि पर,
सच की खोज में,
रहस्यों का संग्रह,
सच्चाई की तलाश।
जुर्म नहीं, एक
अन्याय का संघर्ष,
अधिकार की लड़ाई,
न्याय की मांग।
हर कदम पर मिलता है
अद्भुत अनुभव,
सत्य की प्रतिबद्धता,
धरती का उद्दीपन।
जुर्म नहीं, सिर्फ एक
दृष्टिकोण का परिणाम,
जीवन का संघर्ष,
सत्य का पुनरावलोकन।