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Arjinder Sangotra

Classics Inspirational

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Arjinder Sangotra

Classics Inspirational

बापू कहे

बापू कहे

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ऐसा ना हमने चाहा था,

ऐसा ना हमने सोचा था। 

मेरे प्यारे भारतवासियों,

आज़ादी की लड़ाई का,

ना ही यह कोई मकसद था।


राजकोट से इंग्लैंड,

मुश्किलों से की हमने पढ़ाई, 

यह मुश्किलें आज भी होंगी,

ऐसा ना हमने सोचा था।


'गीता' और रस्किन की 'अन्टू दिस लास्ट'

पढ़ने से, आया जो हममें बदलाव, 

वो बदलाव 'गीता' और 'कुरान'

पढ़ने से आपमें ना आयेगा,

ऐसा ना हमने सोचा था।


जलियाँवाला बाग़ के घाव आज भी ताज़ा हैं, 

उस पर गोधरा और

कश्मीर ने और हमें रुलाया है। 

उस वक्त तो अंग्रेजों से थी,

आज हमारे बीच ही होगी ऐसी टक्कर 

ऐसा ना हमने सोचा था।


१९४७ में जब मिली अंग्रेजों से आजादी,

हमने सौंपे आपको हमारे सपने। 

५५ सालों के बाद भी ना होंगे यह साकार,

भूख, गरीबी और निरक्षरता से,

ना मिलेगी हमें आजादी,

ऐसा ना हमने सोचा था।


सच्चाई और सत्याग्रह के रास्ते थे बड़े कठीन,

लेकिन कुछ ठानकर,

कुछ उम्मीदों से चल पड़े हम उसपर। 

लड़ाई, नफरत और अणु का रास्ता कम होगा कठीन, 

ऐसा ना हमने सोचा था।


हमारी संस्कृति पर बड़ा था हमें गर्व, 

पहुँचे देश के हर कोने में,

हमारी थी यह कोशिश। 

हमारी संस्कृति तो पहुँच गयी दुनिया के हर कोने में, 

पर पहुंचेगी देश के हर कोने में - पश्चिमी संस्कृति;

ऐसा ना हमने सोचा था।


हम नहीं कहते आपसे की, करो हमारी पूजा, 

लेकिन, 

मत करो पूजा आतंकवाद की, मत पूजो भ्रष्टाचार को। 

मत दो साथ अन्याय का, और मत कहलाओ हमसे कि -

"ऐसा ना हमने सोचा था, ऐसा ना हमने सोचा था।"


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