धरती
धरती
सिर मुकुट है श्रीनगर, सेव फल की भंडार रे;
हाथ हमारी राजस्थान है, असम मणिपुर नाम रे;
थार का मरुस्थल अपना है, चाय का बगान रे;
अपनी धरती अपना अम्बर, अपना हिन्दुस्तान रेI
दिल वालों की दिल्ली है, भारत की ये शान रे;
महलों का कलकत्ता है, गुलाबी शहर जयपुर रे;
धान का कटोरा छ.ग.,नदियों का शहर पंजाब रे;
अपनी धरती अपना अम्बर, अपना हिन्दुस्तान रे।
कंगारू का आस्ट्रेलिया, साँपों का देश जापान रे;
हिन्द का मोती श्रीलंका, एशिया पेरिस थाईलैंड रे;
पोप का शहर रोम है, विश्व की जन्नत फ्रांस रे;
अपनी धरती अपना अम्बर, अपना हिन्दुस्तान रे।