प्रकृति का संदेश
प्रकृति का संदेश
क्षितिज की ओर जब जब देखूँ
प्रकृति रोचक सी लगे
ज़िन्दगी सीमाओं में बाधित नहीं
प्रकृति दायरों में सीमित नहीं
आसमां की ऊँचाई कोई रेखा नहीं
तुम निश्चय तो करो
कर्म तो करो
उठ के चलो तो सही
सड़क कोई बाधा नहीं
रास्ता है
बस ,तुम्हें इसको साधना है
और कुछ नहीं।
