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Krishna Bansal

Abstract Classics Inspirational

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Krishna Bansal

Abstract Classics Inspirational

परिवर्तन

परिवर्तन

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मान लीजिए 

आपके जीवन में 

एक घटना घटी 

घटना साधारण हो सकती है

असाधारण भी। 


आप रोमांचित हो उठे 

प्रफुल्लित हो गए 

रोम रोम खिल गया 

जैसा आज अनुभव हुआ 

कभी नहीं हुआ था पहले। 


अब आप चाहते हैं 

वही अनुभव दुबारा हो 

बारम्बार हो।

उसी स्थिति को 

फिर से महसूस कर सकें 

परंतु यह संभव नहीं है।

 

पल जो बीत गया 

सो बीत गया।


कल आपने एक बढ़िया सा 

व्यंजन खाया 

आज भी उतना ही स्वादिष्ट बनेगा

या फिर आपको उतना ही 

स्वाद लगेगा 

क्या गारंटी है 

बहुत सी चीजें तो 

आपकी मन: स्थिति

पर भी तो निर्भर है। 


हिंदी टीचर ने क्लास में 

कविता सुनाई 

सुनाते-सुनाते मैम 

कविता के बहाव में बह गई

उसी रंग में रंग गई।

 

मैम ने सारा प्राकृतिक दृश्य 

आंखों के सामने ला दिया 

अब आप चाहते हैं 

यह पीरियड खत्म ही न हो 

मैम ऐसे ही व्यक्त करती रहें 

मैं सुनता चला जाऊं 


सुनता चला जाऊं

यह संभव नहीं है।

आज आकाश बादलों से घिरा है

कल कड़कती धूप होगी 

परसों हवाएं चलेंगी 

आंधी आएगी।


कल एक मित्र की शादी थी 

आज उसी के घर में 

मातम छाया है। 


ध्यानावस्था में 

आलौकिक दर्शन हुए 

कल होंगे या नहीं 

कहा नहीं जा सकता।


जो अनुभव एक बार हो गया  

वही अनुभव बार-बार नहीं हो सकता।


पुराने पर अटके रहोगे

नये का अनुभव कहां से करोगे।


आप समय को 

बांध नहीं सकते 

अपने मुताबिक नहीं मोड़ सकते।


समय अनवरत चलता रहेगा 

आपको उसके साथ सामंजस्य बिठाना है।

परिवर्तन प्रकृति का नियम है।


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