STORYMIRROR

J P Raghuwanshi

Inspirational

3  

J P Raghuwanshi

Inspirational

"परिवर्तन"

"परिवर्तन"

1 min
268

तलवारों की धारों पर,

सम्हल-सम्हल कर चलना होगा।

बरस रही बाधाएं पथ पर,

उन्हें पैर से दलना होगा।


पापों से संतप्त धरा है,

चारों ओर मचा क्रंदन।

वैचारिक क्रांति पैदा कर,

मोटी हो जाए चंदन।


जूनी पुरानी जो मान्यताएं,

अब तो उन्हें बदलना होगा।

जिसमें हो कल्याण सभी का,

पुष्पद हमें चलना होगा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational