परिवार है ज़रूरी
परिवार है ज़रूरी
स्नेह-प्रेम भरा अपनों का व्यवहार हो,
अपनों के लिए बंद तानों का प्रहार हो।
वक्त कोई ऐसा बुरा कभी आ जाए तो-
सभी जी-जान से मदद को तैयार हो।।
आदर्श बना रहे यह सभी अपनों का,
टूट कर बिखरने न दें सपना किसी का।
न ही बेमतलब की कोई रोक-टोक हो-
न ही कोई तोड़े मनोबल कभी अपनों का।।
एक-दूसरे के प्रति मन में सद्भाव हो,
न कभी मन में किसी के भेदभाव हो।
बसा रहे सदा आशियाना अपनों का-
दुख-सुख का अहसास समभाव हो।।
जैसे साँस लेने के लिए आक्सीजन है ज़रूरी,
वैसे ही खुशी के लिए परिवार का संग है ज़रूरी।
नौका को पानी में खेना है तो पतवार है ज़रूरी।
फँसे न जीवन की नैया मंझधार,परिवार है ज़रूरी।