प्रीत का धागा
प्रीत का धागा
अंगना में खड़ा रहकर तेरी बाट मैं देखूंगा,
जल्दी जल्दी घर आ जाना ओ बहना मेरी।
दिल के सच्चे भाव से तेरा सन्मान करूंगा,
मधुर स्मित के साथ घर आना बहना मेरी।
तेरे हाथ से मैं कलाई पे राखी बंघवाऊँगा,
मुझे प्यार भरे आशीष देना ओ बहना मेरी।
कुमकुम तिलक मेरे ललाट पर कराऊंगा,
मेरे सर पे तेरा हाथ रखना ओ बहना मेरी।
राखी बंघवाकर हर्ष के आंसू मैं बहाऊंगा,
स्नेह मुझ पे बरसाना ओ प्यारी बहना मेरी।
सुख दुःख में हमेशा तेरा साथ मैं निभाऊंगा,
दिल से तुझ को वचन देता हूं ओ बहना मेरी,
भाई-बहन का नाता मजबूत करूंगा "मुरली",
हर जनम तू ही मिलना ओ प्यारी बहना मेरी।
