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Dr.Purnima Rai

Inspirational

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Dr.Purnima Rai

Inspirational

प्रेमा धर्म (गीतिका)

प्रेमा धर्म (गीतिका)

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चुनकर काँटें राहों के हम, पग-पग फूल बिछायेंगे।

वैर भावना दिखे जगत में, उसको आज मिटाएंगे।।

भाषा ,जाति ,धर्म के झगड़ों, ने बाँटा इंसानों को

मजहब की दीवार गिराकर, सबको एक बनायेंगे।।

सद्भावों की ओढ़ चुनरिया,सेवा धर्म निभायें सब;

नर पूजा नारायण पूजा,का ही पाठ पढ़ायेंगे।।

गुरु मर्यादा गुरु सिक्खों के ,जीवन का आधार बनी;

गफलत में सोये मानव के, पथ में दीप जलाएंगें।।

एक पिता के बच्चे सारे, क्यों आपस में लड़ते हो;

लाल लहू बहता हर रग में, जन-जन को समझाएंगें।।

राम मुहम्मद ईसा नानक,सबने वैर मिटाया था;

पंच भूत से निर्मित मानव,को युग कथा सुनाएंगें।।

मानवता के रखवालो ने ,जीता सारी दुनिया को ;

सत्य-धर्म के चोले से ही ,तन-मन सभी सजाएंगे।।

होली के रंगों की खुशबू ,सबके मन को महकाती;

प्रेम रंग से सजते मुखड़े, प्रेमा धर्म निभाएंगे।।

जाला बुनने वाली मकड़ी ,भी मंजिल पा जाती है;

साहस, हिम्मत दृढ़-निश्चय से,जग में नाम कमायेंगे।।

वीरों जैसा जिगरा रखकर,दुनिया में विचरण करना;

सूरज तारा चन्द्र किरण बन ,नील गगन चमकायेंगे।।



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