प्रेम तरू
प्रेम तरू
उस प्रेम तरू के कोटर में
इक पीड़ सुहानी रखी है
समझ की सधी गुलेलों पे
कंकड़ भर नादानी रखी है।
जीवन के जटिल जवाबों में
इक सरल कहानी रखी है
कुछ समझ सयानी रखी है
और कुछ मनमानी रखी है।
हां,बात वही,शुरुआत वही
जो मन ने ठानी रखी है
जिस वैराग्य का साध्य मधुरतम है
वो मीरा दीवानी रखी है।
उस प्रेम तरू के कोटर में
इक पीड़ सुहानी रखी है।