प्रेम की अनुपम रचना है "माँ"..
प्रेम की अनुपम रचना है "माँ"..
प्रेम की अनुपम रचना है "माँ".....
धूप, छांव, बारिश की
अनुपम गरिमा है, "माँ".......
"माँ" .......
से ही इस दुनिया मे
हमारा रिश्ता है प्यारा
"माँ" के बिना नहीं किसी
का कोई जीवन है, "माँ".......
ममता का आँचल , दया, निधि,
और करुणा का स्पर्श
कोमल हृदय है "माँ" ......
नौ महीने कोख में
रखकर हम बच्चों को
जीवनदान देती है "माँ".....
सहन शक्ति की अनुपम
गरिमा का वर्णन है "माँ".....
पुलकित हृदय का स्पर्श है माँ।