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Vivek Kumar

Abstract Inspirational

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Vivek Kumar

Abstract Inspirational

प्रेम का मरहम

प्रेम का मरहम

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जब तक समाज में, 

क्रोध का सागर उमड़ेगा।

तब तक उस क्रोध पर, 

प्रेम का मरहम लगेगा।

संसार में बहुतों में क्रोध 

विद्यमान है,

उस क्रोध से प्रेम ही जीतेगा। 

चमक जाएगा हमारा कृत्य, 

जब तरंगों की भाँति, 

यह संदेश औरों तक पहुंचेगा। 

तब वो दिन दूर नहीं होगा, 

जब संसार में, 

शांति का माहौल होगा।। 


 



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