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Vibha Rani Shrivastav

Comedy

3.9  

Vibha Rani Shrivastav

Comedy

परबचन

परबचन

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महीनों के बाद डोरबेल बजा

चौकन्ने कान, रोका बर्तन धोते हाथ

ऊँची आवाज में पूछ डाला

कौन है ?


जी ! मैं अखबार वाला।

आज तो पहली ही तारीख है

इतनी क्या हड़बड़ी है ?


देना ही तो दे डालो

देने में क्या गड़बड़ी है ?

बिना मास्क लगाए

आपने दरवाजा क्यों खोला


पति पर गुर्राती मैंने

खुदरे पैसे लेते-देते

मास्क नहीं डाला।


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