प्राणायाम
प्राणायाम
ऋषि मुनियों का यह वरदान
देता जग को, जीवन दान
सबसे उत्तम, यह व्यायाम
कर लें हम सब, प्राणायाम
सदा सूर्योदय से पहले जागो
ऊठक बैठक खूब लगाओ
आलस, निद्रा दूर भगाओ
अलसुबह सैर को जाओ
प्राणायाम,,अनुलोम-विलोम
पुलकित करते, रोम- रोम
स्वस्थ रहे,तन और मन
खर्च भी न होता, इसमें धन
बात पते की, कहते लोग
संयम से तुम,कर लो भोग
मांस,मछली कभी न खाओ
मदिरा को तो भूल ही जाओ
प्रथम सुख,नीरोगी काया
महामारी ने सब समझाया
मिट्टी सम है, सारी माया
बनी रहे प्रभु, तेरी छत्रछाया।
