पिता
पिता


एक पिता सब कुछ
बदल देता हैं......
हां वह बदल देता हैं....
कुछ लोगों को परिवार में,
एक छोटे घर को संसार में,
दुख को भी प्यार में,
प्रेम को पुरस्कार में ।
एक पिता सब कुछ
समझता हैं.....
हां वह समझता हैं....
घर के हालात को,
अपने बच्चों के जज्बात को,
परिवार के एहसास को,
जरूरत की प्यास को ।
एक पिता सब कुछ
सहता है.....
हां वह सहता हैं....
परिस्थिति की मार को,
दुखों की बौछार को,
अपनों के दुर्व्यवहार को,
नियति की ललकार को ।
एक पिता सब कुछ
पाना चाहता हैं...
हां वह पाना चाहता है....
अपने बच्चों से सम्मान,
अपने बच्चों का प्यार,
अपने बच्चों से एतबार,
अपने बच्चों का दुनिया में रोशन नाम ।