|| संघर्ष में भी हंसना होगा ||
|| संघर्ष में भी हंसना होगा ||
छाई है उदासी,
निराशा ही हाथ आई,
संकट से फिर लड़ना होगा,
संघर्ष में भी हंसना होगा।।
छूट गया अपनों का साथ,
बस अपना छूट़ ना पाया हैं।
टूट गया हैं मन का साथ,
पर हौंसला टूट़ ना पाया हैं।।
विफलताओं का अब ढेर लगा,
राह भी धुंधली हो आई।
खोज निकालो चट्टानों से,
सफलता जब नजर आई।।
बहुत हुआ अब शोर-शराबा,
अंतिम घड़ी उमड़ आई हैं।
अब होगा शोर नगाड़ों का,
बस जीत की बारी आई हैं।।
तेज चट्टानों पर अब,
आंधियां भी शोर मचाती हैं।
बुलंद हौसलों के दम पर अब,
तलवारे भी फड़फड़ाती हैं।।
डरना नहीं अब डट़ना होगा,
निड़र होकर फिर चलना होगा।
संकट से फिर लड़ना होगा,
संघर्ष में भी हंसना होगा।।
आशीषकुमार दुबे
