पहले शिक्षक
पहले शिक्षक
आज एक चेहरा दिखा
जाना पहचाना
कई वर्षों बाद
झुर्रियां के साथ
बाज़ार में
दिमाग में
काफी कुछ कौंधा
कितनी यादें
कितने जज़्बात
ऊँगली पकड़ सिखाया
था मुझे अ आ इ ई...
मैं जा मिला उनसे
कुछ शिकन आयी उनके
चेहरे पर
पर एक ख़ुशी थी उन आँखों में
मेरे आँखों में झिलमिल
मेरे शिक्षक थे
अरसों पहले
पहले शिक्षक
मिल उनसे विदा हुआ
रस्ते भर साँसें में महकती रहीं
उन यादों की खुशुबू.....
