आज एक चेहरा दिखा जाना पहचाना कई वर्षों बाद। आज एक चेहरा दिखा जाना पहचाना कई वर्षों बाद।
इसलिए इंतज़ार कर रही हूँ ताकि पहल आपसे हो जाए...! इसलिए इंतज़ार कर रही हूँ ताकि पहल आपसे हो जाए...!
उस मोड़ पर, एक पेड़ के नीचे मुझे रोमानी कर रही थी। उस मोड़ पर, एक पेड़ के नीचे मुझे रोमानी कर रही थी।
इस क़दर चुप लगाते हुये कि, खुद से भी बात करने की, हिम्मत नहीं पड़ती । इस क़दर चुप लगाते हुये कि, खुद से भी बात करने की, हिम्मत नहीं पड़ती ।
कभी कभी बस एक बार नज़र मिलने की देरी होती है,बाकी सब कुछ अपने आप हो जाता है! कभी कभी बस एक बार नज़र मिलने की देरी होती है,बाकी सब कुछ अपने आप हो जाता है!
ज़िंदगी के कुछ लम्हों, पर धूल-सी जमी थी... ज़िंदगी के कुछ लम्हों, पर धूल-सी जमी थी...