STORYMIRROR

Shivam Rao

Abstract

2  

Shivam Rao

Abstract

पहला प्यार

पहला प्यार

1 min
378


बेशक ज्यादा पढ़ाई नहीं करी है

लेकिन कोई भी पूछे तो पहला प्यार

किताबें ही बताता हूँ


मेरा दिल लग जाता है जब जब विवेकानंद जी के ऊपर

लिखा पढ़ने जाता हूँ


उनको जानने की खुशी को ना भूल पाता हूँ

जब भी मैं उनसे जिन्दगी जीने के तरीके को सीख पाता हूँ

मैं अच्छे से ज़िन्दगी को जीना चाहता हूँ


मैं ज़िन्दगी में विवेकानंद जी के

चरित्र को अपनाना चाहता हूँ

ज़िन्दगी को विवेकानंद जी के जैसे सयम से बिठाना चाहता हूँ


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract