फ़ितरत
फ़ितरत
बे वजह अहसान गिना देते हैं
ये वहीं लोग हैं जो हर काम बिगाड़ देते हैं।
कुछ फ़ितरत ही ऐसी होती हैं उनकी
जो सबकी बातों में अपनी टांग अड़ा देते हैं ।
लोगों को बेवजह ही सामना करना पड़ता हैं उनका
वो अपनी गलती क़भी ना मानकर
सारा दोष हमेशा दूसरों पर मढ देते हैं।
अक्सर ज्ञान का सारा भंडार
खुद में ही समाहित समझते हैं।
बेझिझक हर किसी में कमी निकाल देते हैंं ।
ईश्वर की इस अदभूत बनावट को
हम अक्सर हाथ जोड़ स्वीकार करते हैं।
