फिर से जी लेते हैं
फिर से जी लेते हैं
चल एक बार फिर से जी लेते हैं,
ज़िन्दगी क्या होती, फिर से समझ लेते हैं,
हार मान लेने से कुछ नहीं होता,
इसलिए अपनी परेशानियों से लड़ना शुरू कर देते हैं,
ज़िन्दगी जीना इतना आसान नहीं होता,
पर उसे आसान बनाने की कोशिश शुरू कर देते हैं,
रोकर भी क्या कर लेंगे हम,
अब फिर हंसना ही शुरू कर लेते हैं,
कुछ समय के लिए थम सी गई थी जैसे
ज़िन्दगी, पर अब दोबारा भटकना शुरू कर लेते हैं,
भरोसा उठने लगा था सब से,
पर अब थोड़ा भरोसा करना शुरू कर देते हैं,
सपने देखने छोड़ दिए थे हमने,
अब फिर सपनों में खोना शुरू कर देते हैं,
छीन लेते हैं लोग खुशियों को,
अब ना छीन पाए इसकी रखवाली शुरू कर देते हैं,
चल एक बार फिर से जी लेते हैं,
ज़िन्दगी क्या होती है, फिर से समझ लेते हैं !