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Praveen Gola

Abstract

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Praveen Gola

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फिर एक बार मुझे

फिर एक बार मुझे

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तुम अपने प्यार से,

फिर एक बार मुझे,

ज़िन्दगी दे दो

कम ही सही,

पर फिर से,

वो खुशी दे दो।


तुम्हे दिल से चाह के,

ना कोई गुनाह किया,

अपनी ज़िन्दगी में लाके,

ना कोई शिकवा किया,

तुम फिर से इन लबों पे,

थोड़ी हँसी दे दो।


तुम अपने प्यार से,

फिर एक बार मुझे,

ज़िन्दगी दे दो


तुम्हारे प्यार के बिना ,

ये कली मुरझा जाती,

साँस ले तो लेती,

पर खिल ना पाती ,

तुम फिर से इस ज़िस्म में ,

थोड़ी हलचल दे दो।


तुम अपने प्यार से,

फिर एक बार मुझे,

ज़िन्दगी दे दो


यूँ तो कहने को हर लम्हा,

बड़ा रंगीन था वो,

जिसमे एक साँस चलती थी ,

पर ज़िस्म थे दो,

मुझे फिर से उन साँसों की,

गर्मी दे दो।


तुम अपने प्यार से,

फिर एक बार मुझे,

ज़िन्दगी दे दो

कम ही सही,

पर फिर से,

वो खुशी दे दो।


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