Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Praveen Gola

Abstract

5.0  

Praveen Gola

Abstract

फिर एक बार मुझे

फिर एक बार मुझे

1 min
282


तुम अपने प्यार से,

फिर एक बार मुझे,

ज़िन्दगी दे दो

कम ही सही,

पर फिर से,

वो खुशी दे दो।


तुम्हे दिल से चाह के,

ना कोई गुनाह किया,

अपनी ज़िन्दगी में लाके,

ना कोई शिकवा किया,

तुम फिर से इन लबों पे,

थोड़ी हँसी दे दो।


तुम अपने प्यार से,

फिर एक बार मुझे,

ज़िन्दगी दे दो


तुम्हारे प्यार के बिना ,

ये कली मुरझा जाती,

साँस ले तो लेती,

पर खिल ना पाती ,

तुम फिर से इस ज़िस्म में ,

थोड़ी हलचल दे दो।


तुम अपने प्यार से,

फिर एक बार मुझे,

ज़िन्दगी दे दो


यूँ तो कहने को हर लम्हा,

बड़ा रंगीन था वो,

जिसमे एक साँस चलती थी ,

पर ज़िस्म थे दो,

मुझे फिर से उन साँसों की,

गर्मी दे दो।


तुम अपने प्यार से,

फिर एक बार मुझे,

ज़िन्दगी दे दो

कम ही सही,

पर फिर से,

वो खुशी दे दो।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract