फौजी की चिट्टी
फौजी की चिट्टी
शादी के कुछ सपने होंगे,
कुछ तुम्हारे अपने होंगे,
पर मेरी इतनी तन्खा नहीं,
दिला ना पाउँ मोटर कार,
क्या निभा सकोगी मुझसे प्यार ?
प्यार की कोयल कुकी ना होंगी,
हाथो की मेहँदी छुट्टी ना होंगी,
तुम मन अपना भारी मत करना,
मेरी छुट्टी बचेगी बस दो - चार,
क्या निभा सकोगी मुझसे प्यार ?
फिर वापस ड्यूटी पर आना होगा,
तुम्हे बिन मेरे मन लगाना होगा,
तुम आंसू बहाना मत,
अगर याद आये मेरी बार बार,
क्या निभा सकोगी मुझसे प्यार ?
होली के तुम्हे रंग ना भाये,
ना भाये दीप दिवाली के,
करवा मे तुम्हारा
चाँद ना होगा,
होगा फिका हर तीज – त्यौहार,
क्या निभा सकोगी मुझसे प्यार ?
सालभर मे आना होगा,
महीने भर मे जाना होगा,
बस इतनी ही मोहल्लत होगी,
इतना ही होगा तुम्हारा संसार,
क्या निभा सकोगी मुझसे प्यार ?
बॉर्डर पर जो गोली खाऊ,
अगर कभी मे लोट ना पाउँ,
कह देना प्यार से मुझे अलविदा,
करलो मन को पक्का तैयार,
क्या निभा सकोगी मुझसे प्यार ?
जो निभा सको तुम मुझसे प्यार,
करना तब ही तुम श्रृंगार,
आ जाना फिर तुम वेदी पर,
तुम्हारा हर निर्णय होगा स्वीकार।
तुम्हारा फौजी।