Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Geeta Upreti Gupta

Inspirational

4.8  

Geeta Upreti Gupta

Inspirational

तू नारी है

तू नारी है

1 min
190


चहक उठे आंगन भी तुझसे 

इस घर की तू किलकारी है ..

जगती तू सूरज से पहले 

उज्जवल तुझसे चार दीवारी है ..

कभी स्वाद बन सज जाती थाली में 

रसोई सजती तुझ से सारी है ..

प्रथम किरण सी सूर्य प्रकाश की 

तू फैली जो उजियारी है..

तू नारी है ..तू नारी है ..

तू ईश्वर की रचना नारी है ..


तू मां बहन बेटी बनी 

कभी बनी प्रियतम प्यारी है ..

तू बनी जननी हर रिश्ते की 

हर रिश्तों पर पड़ती भारी है ..

खुद की सुध तू भूल गई 

कंधे पर जिम्मेदारी है ..

हर रण तू ने जीत लिया 

पर अपनों से जंग अभी तक जारी है ..

तू नारी है तू नारी है

तू ईश्वर की रचना नारी है..


कभी पत्थर सी कठोर बनी 

कभी फूलों सी कोमल क्यारी है..

कभी जड़ चेतन सी शुन्या हुई 

कभी चंचल चितवन धारी है..

खेल खिलाए तूने सबको 

अब तेरे खिलने की पारी है..

सीच रही तू हर जीवन को 

यह जीवन तेरा अभारी है..

तू नारी है तू नारी है 

तू ईश्वर की रचना नारी है ..


सरस्वती की वीणा भी तू 

तू काली की कटारी है ..

तू ही लक्ष्मी धन की माया 

तू भैरव मर्दिनी अवतारी है ..

तू पानी सा रूप धरे क्यों?

जब तू जलती सी चिंगारी है..

हर रंग को तूने रंगा है खुद में 

हर रूप में तू स्वीकारी है ..

तू नारी है तू नारी है

तू अद्भुत रचना नारी है…



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational