पगडण्डी
पगडण्डी
गांवन की पगदण्डी,
हमें भैया विसरत नइया।
कहां गयें गांवनि के,बरगद के पेड़।
बाखर वाले कक्का की,खेतन की मेड़।
मंदिर की शतचण्डी,
हमें भैया विसरत नइया।
गांवन की पगदण्डी,
हमें भैया विसरत नइया।
कहां गये गांवनि के भरे कुआं।
कोहों की डालन पै बोलत सुआ।
वैद्य दादा की चढ़त थी हण्डी।
हमें भैया विसरत नइया।
गांवन की पगडण्डी,
हमें भैया विसरत नइया।।
