पढ़ेंगी, लिखेंगी आगे बढ़ेंगी
पढ़ेंगी, लिखेंगी आगे बढ़ेंगी
बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ
भ्रूण में मार कर
जिंदा ना दफ़नाओ
देश के ठेकेदारों के ये नारे बने
किंतु समय आने ये ना
किसी बेटी के सहारे बने
कुछ बेटियाँ यह गुहार लगाएँ
और भीख माँगे
कि कोई उनकी जान बचाएँ
वहशी ने अपनी वहशियत दिखादी
दुस्साहसी होकर लड़की की इज़्ज़त दागदार बनादी
जीभ काटी ताकि ना हो कोई सुनाई
हड्डियाँ तोड़ीं
फिर अपने अमीर होने की दी दुहाई
लड़की मर गई नहीं हुई कोई सुनवाई
गोदी मीडिया अब क्यों चुप है भाई
हिंदू-मुस्लिम को लड़ाते हैं
चैनलों में ड्रग्स के साथ
हीरो-हीरोइन के पकड़े जाने की रट लगाते हैं
हमारे देश के संविधान का मज़ाक उड़ाते हैं
आम जनता ख़ामोश बैठें
अंधभक्त तमाशा देखें
हर लड़की यह
सोच–सोच कर घबराए
बलात्कार में कहीं मेरा नंबर ना आ जाए
लड़की के माँ-बाप
कचहरी के चक्कर लगाएँ
न्यायालय से कब मिलेगा न्याय ?
