जीने की वजह तुम
जीने की वजह तुम
तेरी यादों से सुबह शुरू होती है मेरी
तेरी बातों से शाम ढलती है
तू दूर रहकर भी पास है
मुझे जीने को केवल तेरी ही आस है
तेरे बिन मन लगता नही कहीं
बात न हो तो अधूरा लगता है दिन
मैं राही तू मंज़िल लगता है
तू है तो सब पूरा लगता है
तू है तो खुश हूं मैं
जीवन मे अब जीने का मकसद मिल गया है
तू है तो हर सुबह का इंतज़ार रहता है
तेरे बिन मैं कुछ भी नही दिल ये अब मुझसे कहता है!

