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Kusum Joshi

Inspirational

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Kusum Joshi

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पदचिह्न

पदचिह्न

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राहें कठिन भले हों,

हर ओर हो निराशा,

तुम ढूंढ लेना दीपक,

जिसकी किरणों में हो आशा,


उद्देश्य गर बड़ा है,

मुश्किल डगर भी होगी,

कभी फ़ूल भी खिलेंगे,

कभी काँटों की सेज़ होगी,


कभी असफलता के आंसू,

चेहरे पे आएँगे बार बार,

पैर के छालों से कभी,

निकले जो रक्तधार,


ना टूटना कभी तुम,

बस याद इतना रखना,

जो आंसू आज गिरे हैं,

सींचेगे तेरा सपना.


पैर के छाले,

जब धरती पर पड़ेंगे,

उस धरती पर तुम्हारे,

पदचिह्न बन पड़ेंगे।।


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