पास तेरे हमेशा
पास तेरे हमेशा
पास तेरे हमेशा ,
मै ख़ामोश हूँ रहता ,
हर दिन तेरे पास ,
मै क्यूँ भटकता ,
क्या कहूँ तुझे ,
मै बस हूं अटकता ,
बिन तेरे मै सुन तू ,
मै क्यूँ हूं,
हर पल ख़्वाब ,
मेरा तेरा रहता है,
जहां स्वप्न में मेरे ,
बस खोता है!
परहेज़ ही अब,
क्या करूँ मै तुमसे,
जब में हर दिन,
"हार्दिक" पास आ
जाता तुम्हारे!