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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

"पापा"

"पापा"

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यूँ तो हर आरजू पूरी हो जायेगी जिंदगी की

कोई चीज कमी पूरी कर न सकेगी आपकी

पापा शब्द नहीं, हृदय का वो पवित्र दरख़्त है

जिससे मिले फूल न मिले शूल किसी वक्त है

पापा आप सदैव हमको याद आते बहुत हो,

आपको छोड़ पापा यह ज़माना कमबख्त है

लोग लूटते, उसे जो रखता निकट सम्बन्ध है

पापा बिन मेरी दुनिया बिन खुशबू का पुष्प है

खास आप लौट, आ जाओ प्रिय पिताजी,

फिर से रूठी हुई जिंदगी हो, जाये मस्त है

पापा, यह दुनियादारी पीती हर वक्त रक्त है

एक आप थे, जो देते सुकून मुझे, हर वक्त है

पापा आपको याद कर रोती, अंखियां फक्त है

पापा के आदर्शों पर चलना जीवन लक्ष्य है

पापा कोरे शब्द नहीं, कलेजे पर उकेरे शब्द है

पापा से बना लहू, पापा से चल रही नब्ज है

आप हो जिंदगी, आपके बिना जिंदगी शून्य है

पापा ही मेरी जिंदगी का ताज और तख्त है

आप के रहते, समझता खुशनसीब खुद को,

जो आप गये, टूटी जिंदगी की नींव सख्त है

आपकी शिक्षा जीवन में उतारना अवश्य है

दुनियादारी झंझावतों से लड़ सकूं हर वक्त है

पापा आप ही मेरी प्रेरणा, आप ही आदर्श हो

यह लक्ष्य मम पितृ पदचिह्न चलूं जीवनपर्यंत है



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