पाखंडी
पाखंडी
पाखंडी मेरे देश में,सब अंधा,अंधा सा लगता
हाथ डालूँ तो जेब में,सब लुटा,लुटा सा लगता
समझ ना आये देश के लिऐ,पाखंडी किस काम का
हम समजे इस पाखंडी को,देता सबको धोका
विज्ञान बडा समझदार,सबको समझ दिलाता है
समझे पाखंड निती,भोले,भाले से खेल खेलता है
मोह माया सें पिघलाता,लोह जैसे घाव दिलाता है
पाखंडी झूठा फसाना,बुराइयां सब जगह फैलाता है
सब मिलकर पाखंडी को,दिलाओ मौत का फंदा
सत्य न्याय सें उगलाओ उसे,मिटाओ काला धंधा।