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Gautam Jagtap

Inspirational

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Gautam Jagtap

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कर्म

कर्म

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कर्म के स्वधर्म से

विश्व रूप ध्यान में

संंघ एकता के लिये

शक्ती का रूप बने

साथ के आधार पे

चल पड़े तूफान में

ना डरे हम रात से

मिट्टी के हम लाल है

खून से हम एक है

माँ भारती के हम पुत्र है

राष्ट्र सेवा काम में

त्याग सेवा सत्य है

भविष्य के हित में

देश कि प्रगती हो

मन में विचार हो

राष्ट्र शांति के लिये

अहिंसा का मार्ग चुने

आत्मा शुद्ध भावना से

बल रूप स्वास्थ मिले

प्रार्थना हार नित्य की

सत्य का रहा पाठ चले

ज्ञान का प्रकाश पड़े

अच्छे संस्कार मिले हमे

सबकी इच्छा है रहे

माँ बाप है देवता

सदैव उसकी सेवा करण


कर्म के स्वधर्म है

विश्व रूप ध्यान में ।। 


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