STORYMIRROR

Vimla Jain

Action Classics

4  

Vimla Jain

Action Classics

ओ दूर के मुसाफिर

ओ दूर के मुसाफिर

1 min
407

ओ दूर के मुसाफिर मुझे भी साथ ले चल।

 मुझे भी घूमनी है तेरी दुनिया मिलना है तेरे परिवार से।

 बिताना है समय उनके साथ।

मैं भी तेरी दुनिया देख लूं।


 किस तरह रहता है मेरा बेटा बहु पोते के साथ।

दूर विदेश की धरती पर कुछ मैं घूम लूं तेरे साथ।

 घूम लूं पुरानी यादें ताजा कर लूं ।

जब अपन दोनों घूमने जाते थे।


 कितने मजे कर आते थे ।

क्या मस्त सफर में घूमते थे।

दीन दुनिया से दूर मां बेटे का साथ।

बहुत सुनहरा था वह वह साथ।


मगर अब समय और तेरा साथ मिलता नहीं।

अब जब तू आया है तो मुझे भी ले चल तेरे साथ। 

कुछ पुरानी यादें ताजा कर लूं तेरे साथ।


मैं भी घूम लूं थोड़ी दुनिया तेरे साथ।

बाकी दुनिया घूम लूंगी अपने हमसफर के साथ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Action