नयी सोच नयी उड़ान बदलाव का आसमा
नयी सोच नयी उड़ान बदलाव का आसमा
राष्ट्रहित हेतु समर्पित जो निज तन को करता है।
जन्म सफल हो जाता है वह न कभी भी मरता है।।
नया आस विश्वास नया लेकर वह जग को जगाता है।
नये दौर का नया इतिहास रच के जग को दिखाता है।।
एक युग एक दौर नया आया है जो।
हम लड़कियों को भी समझ पाया है वो।।
पहले जन्म से ही बेचारी हो जाती थी वो।
आँखों में खटकती काँटा बन जाती थी जो।।
कई- कई बार छली जाती थी बस।
रोती- सिसकती ही रह जाती थी वो।।
धन दौलत देकर ब्याह दी जाती थी वो।
एक अंजाने से घर को अपना बनाती थी वो।।
खुद को भूल कर समर्पित हो जाती थी।
फिर भी कहां वो चैन से रह पाती थी।।
यदा कदा मन विचलित सा होता उनका।
कोई नहीं क्यों उनके मन को समझता।।
चारों ओर बह रही है बदलाव की नई बयार,
जमीं से आसमान तक लहरा रहा है परचम
हर इंसान के लिए सर्वोपरि हमारा राष्ट्र और हम।
बन रहा है देश विकास, खुशहाली का संसार।।
क्या कोई आएगा दुख को हमारे समझ पाएगा।
नया दौर है आया, एक नयी दिशा दिखलाया।।
खुद पर था विश्वास, हमें भी विश्वास दिलाया।
नया दौर आएगा जब सोच नयी आएगी।।
अब भारत की बेटी भी खुलकर सांस ले पाएगी।
वो दौर नया है आया जो बेटियों को है समझ पाया।।
एक नयी पहचान दिलाई है हाँ हम भारत की बेटी है।
अब शान से चलते हैं और शान से जीते हैं।।
नये दौर का नया इतिहास हम अब लिखते हैं।
अब हम भी शान से कह सकते हैं।।
हम भारत की बेटी हैं, हाँ हम भारत की बेटी हैं।
अब हम भी मुकाम बनाएंगे, खुलकर सांस ले पाएंगे।।
राष्ट्रहित हेतु समर्पित जो निज तन को करता है।
जन्म सफल हो जाता है वह न कभी भी मरता है।।
नया आस विश्वास नया लेकर वह जग को भी जगाता है।
नये दौर का नया इतिहास रच के जग को दिखाता है।।