नन्ही बिल्लियों का गुलदस्ता - युन्ना मोरित्स
नन्ही बिल्लियों का गुलदस्ता - युन्ना मोरित्स
तैयार है तुम्हारे लिए गुलदस्ता
प्यारी नन्ही बिल्लियों से भरा,
फूल नहीं, जो मुरझा जाएँ !
नटखट हैं, ये मन लुभा जाएँ।
गुलाब, चमेली मुरझा हैं जाते,
फूल डहलिया मुरझा हैं जाते,
तालाब हो या घास के मैदान,
हरे-भरे बाग़ भी सूख हैं जाते,
तुम्हारे लिए गुलदस्ता है कुदरत
किलकारियों से भरा है ख़ूबसूरत,
फूल नहीं जो रहें सुर ताल के बिन,
ख़ूब सुरीली इनकी म्याऊ-म्याऊ की धुन।
तेज़ तर्रार पंजे हैं मखमली कान!
गोद में आने पर लगता है मान।
हाथों में मेरे नन्हा हैं ये गुलदस्ता,
बातें ख़ूब बनाता, कभी है झगड़ता।
फूलदान ले आओ है ये फ़रिश्ता
ये है नन्हीं बिल्लियों का गुलदस्ता।
देखो ज़रा कितनी राज-दुलारी हैं !
ये नन्ही बिल्लियाँ, प्यारी-प्यारी हैं !
